राजेश खन्ना के स्टारडम का दौर ऐसा था जब उनके बंगले के बाहर रोज़ दस हज़ार महिलाएं जमा होती थीं। मुमताज़, जो उनकी पड़ोसी और को-स्टार थीं, उनसे जलने वाली इन महिलाओं की नजरों में चुभती थीं। यह कहानी है प्यार, शोहरत और दीवानगी की एक अनकही दास्तान।


राजेश खन्ना के स्टारडम का दौर ऐसा था जब उनके बंगले के बाहर रोज़ दस हज़ार महिलाएं जमा होती थीं। मुमताज़, जो उनकी पड़ोसी और को-स्टार थीं, उनसे जलने वाली इन महिलाओं की नजरों में चुभती थीं। यह कहानी है प्यार, शोहरत और दीवानगी की एक अनकही दास्तान।

1960 के दशक में मुमताज़ और शम्मी कपूर की प्रेम कहानी शुरू तो हुई, लेकिन कपूर परिवार के एक सख्त नियम के चलते अधूरी रह गई। मुमताज़ ने अपने करियर को चुना और शम्मी को ठुकरा दिया। यह किस्सा आज भी बॉलीवुड की सबसे भावुक कहानियों में गिना जाता है।

मधुबाला और प्रेमनाथ की प्रेम कहानी बॉलीवुड की उन अनकही दास्तानों में से एक है, जिसमें इश्क़ था, इज़हार था, लेकिन अंजाम अधूरा रह गया। जब मधुबाला ने प्रेमनाथ को गुलाब देकर अपने प्यार का इज़हार किया, तब किसी ने नहीं सोचा था कि धर्म की दीवार इस मोहब्बत को तोड़ देगी।